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रगों का त्योहार आया
-By Ekta Talwar
रगों का त्योहार आया
संग रंगों की फुहार लाया।
रंग बिरंगी सतरंगी उम्मीदों
की सौगात है लाया ।
लाल, गुलाबी, पीला,नीला
हर रंग में एक पैगाम है लाया ।
रंग न जाने जात-पात
न जाने यह ऊँच-नीच।
न जाने यह काला-गोरा
बस जाने यह प्रीत की रीत।
रंगों की बरखा है छाई
नभ-थल-जल।
हर मन में विश्वास जगाती
होगा अंधकार का अब अंत
नई सुबह की नई किरण से
एक नए युग का निर्माण होगा।
आशाओं के ओत प्रोत में
नवनिधि का विस्तार होगा।
ragon ka tyohaar aaya
sang rangon kee phuhaar laaya.
rang birangee satarangee ummeedon
kee saugaat hai laaya .
laal, gulaabee, peela ,neela
har rang mein ek paigaam hai laaya .
rang na jaane jaat-paat
na jaane yah oonch-neech.
na jaane yah kaala-gora
bas jaane yah preet kee reet.
rangon kee barakha hai chhaee
nabh-thal-jal.
har man mein vishvaas jagaatee
hoga andhakaar ka ab ant
naee subah kee naee kiran se
ek nae yug ka nirmaan hoga.
aashaon ke ot prot mein
navanidhi ka vistaar hoga.
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