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हर चुनौती को स्वीकारा है मैंने
कुछ इस तरह से तुझको जिया है मैंने ऐ ज़िन्दगी
कि तेरे हर रंग से मैने होली खेली है।
कभी दोस्तों के साथ तो कभी अकेले ही
मैने ये दुनिया टटोली है।
कभी हँसकर, कभी हँसाकर तो कभी रोकर
तुझसे हर पल बेहद मुहब्बत की है।
माना कि तेरा कोई दिन ना था एक समान
पर तेरी हर चुनौती को स्वीकारा है मैंने ।
ना मानी कभी हार मैंने
ना मुझे कभी धुत्कारा तूने।
कभी अल्लड, कभी ज़िद्दी, कभी नटखट है तु पर,
बड़ी ही अनमोल और खूबसूरत तुझे पाया मैंने।
ऐ ज़िन्दगी, तुझे हर पल इस तरह से जिया है मैंने…
कि तेरे हर रंग से मैंने होली खेली है।
रंजीता नाथ घई सृजन
har chunautee ko sveekaara hai mainne
har chunautee ko sveekaara hai mainne
kuchh is tarah se tujhako jiya hai mainne ai zindagee
ki tere har rang se maine holee khelee hai.
kabhee doston ke saath to kabhee akele hee
maine ye duniya tatolee hai.
kabhee hansakar, kabhee hansaakar to kabhee rokar
tujhase har pal behad muhabbat kee hai.
maana ki tera koee din na tha ek samaan
par teree har chunautee ko sveekaara hai mainne .
na maanee kabhee haar mainne
na mujhe kabhee dhutkaara toone.
kabhee allad, kabhee ziddee, kabhee natakhat hai tu par,
badee hee anamol aur khoobasoorat tujhe paaya mainne.
ai zindagee, tujhe har pal is tarah se jiya hai mainne…
ki tere har rang se mainne holee khelee hai.
ranjeeta naath ghee srjan
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