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Hindi January Quotes, ख़ुद को समझने के लिए, इस नए साल में, पहले जैसी बात नहीं, कुछ अनजाने लोग, जिंदगी गुमराह करती हैं, कलाकार की कला का प्रदर्शन होते ही, भाव से अभिव्यक्ति तक,
आओ, हम मिलकर संकल्प लें नए साल में
कभी किसी का दिल न दुखाएं नए साल में
उदास चेहरे पर भी खुशियां लाए नए साल में
भाईचारा और मानवता का पाठ पढ़ाकर
वैमनस्य को भुलाकर, एकजुट हो जाएं नए साल
में,सब मिलकर नाचे गाएं, मस्ती का रंग जमाएं
नए साल में, इस नए साल में!!
— Pushpa Pandey
नव प्रभात श्रृंगार नव दुल्हन सी,
आलोकित कर रहीअवनि को है।
मंद मकरंद समीर भूमण्डल पर,
सुगंधित समाविष्ट वातावरण है।
गीत गुंजित गुलशन गुलजार में,
मधुर मिलंद हिय उन्माद मचा है।
अंक लिए प्रत्युषपान मधु पल्लव,
वसुधा कर रहीं इंतजार पल हैं।
ना रहे नशा अब निशा का भू पर,
कोमल किसलय हर्ष इठलाए हैं।
मंद आनंद मधुरित समीर बंध ,
सरित, तड़ाग,तरू लहरा रहे हैं।
— Kiran Pandey
इस नए साल में कुछ नए स्वप्न सजाए हैं,
उन्हें पूरा करने का इरादा कर आए हैं।
मुश्किलें आएं या राह में तूफ़ान,
हम तो प्रयत्न करने की मन में ठान आए हैं।
— Kavita Prabha
आओ इस नए साल में
संकल्प करें कुछ ऐसा
जीवन को बनाएं समृद्धशाली
कर्म करें कुछ ऐसा कि दुनिया इतराए हम पर
देश , समाज के आंखों का तारा हम बन जाएं
गरीबों के घर भी रोशन करें दीया
प्रेम बाँटें और प्रेम पाएं हमेशा ।।
— Manju Lata
हर कोई जीवन में
…….कुछ न कुछ
खोजना चाहता है!!
आओ कुछ खोजें
हम खुशी से खुश रहें।।
— Sarvesh Kumar Gupta
आओ इस नये साल में
संकल्प करें गरीबों की मदद का
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का
दिन का एक हिस्सा श्रमदान करने का
वृद्ध व्यक्तियों के अनुभवों कोसुनने का।
— Anita Gupta
अब पहले जैसी बात नहीं
आत्मिक समरसता का अभास नहीं।
सभी दौड़ रहे स्वयं अहं सफर ले,
घुटती मानवता एहसास नहीं।
— Kiran Pandey
अब पहले जैसी बात नहीं,
दिवस हुआ, अब रात नहीं,
मेहनत से मंज़िल को पाओ,
अब डर की कोई बात नहीं।
— Kavita Prabha
अब पहले जैसी बात नहीं,दिन कटता अब रात नहीं
मिलन की चाहत है तुझसे,होती अब मुलाकात नहीं !
टीस सी उठती है दिल में,उठते अब
जज़्बात नहीं
आ भी जा अब पास मेरे,डरने की कोई बात नहीं!!
— Pushpa Pandey
अब पहले जैसी बात नहीं
लोग समझ गए हैं स्वावलम्बन की कीमत
तभी तो रोजगार है अब हर किसी के पास
रोटी है घर – घर, खुशियों और शांति का है संसार।।
— Manju Lata
कहा गया वो बचपन मेरा, क्यूं पहले जैसी बात नहीं ।
कहा गई मासूम सी बातें, क्यूं खुशियां हर पल साथ नहीं।
ढूंढ लाए उस बचपन को फिर,नामुमकिन कोई बात नहीं।
— Dipali Jadhav
वो लोग भी क्या लोग थे जो
उत्साह ओर उमंगों के संग जीते
सकारात्मकता ही बांटते थे
मौज के जीवन को प्रेरित करते
अब वो बात कहाँ जहाँ
तनाव न लेना या ना देना हो।
— Sarvesh Kumar Gupta
कभी कभी राह में चलते चलते
कुछ अनजाने लोग मिल जाते हैं
जो मीठा बोलकर, मन को लुभाकर
अपना बनाकर अपने बन जाते हैं।
— Anita Gupta