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आज़ादी
-श्वेता❤️
निस्वार्थ, निडर ,ना
शिखन की कोई लकीर
बांधे चोला केसरी रंग,
तज तन– मन– धन …
घरों से निकल लिया
हर कोई बन फकीर ।।
छल्ली कर गई सीना
फौलादो का –
सोने की चिड़िया की पीर,
देख बेड़ियों में
मिट्टी ऐ वतन को , औलादों ने
बेखौफ बहाया लहू जैसे नीर !!
उल्टे पाओ वो चले चले,
मुग़ल और अंग्रेज भी,
सततः नव निर्माण के
पथ पर बढ़े जो देश के वीर ।
जन—जन के कण— कण में
कर उजागर आज़ादी का अकसीर, खौँप दिए कायरो में
सरफरोशो ने अपने हौसलों के तीर !!
खुली हवा, खुला गगन चूम,
शेरों ने तोड़ी गुलामियों
की जंजीर, व्यर्थ न जाए
शहीदों कीआहुति,सूरज सा
रहे तेज, प्रण लें, कभी मंद न
पड़े तिरंगे की तासीर ।।
खौंफ खाए !!जो मां पर करे
कोई आंख उठाने की
हिमाखत!! लुट जाएंगे,
मिट जाएंगे, रख देंगे
गद्दारों को चीर !!
आओ!! फिर जुड जाए
बंध मुट्ठी सा,तराशे
नव भारत की नई तस्वीर,
लिखे मिलकर नई तकदीर !!
aazaadee
nisvaarth, nidar ,na
shikhan kee koee lakeer
baandhe chola kesaree rang,
taj tan– man– dhan …
gharon se nikal liya
har koee ban phakeer ..
chhallee kar gaee seena
phaulaado ka –
sone kee chidiya kee peer,
dekh bediyon mein
mittee ai vatan ko , aulaadon ne
bekhauph bahaaya lahoo jaise neer !!
ulte pao vo chale chale,
mugal aur angrej bhee,
satatah nav nirmaan ke
path par badhe jo desh ke veer .
jan—jan ke kan— kan mein
kar ujaagar aazaadee ka akaseer, khaunp die kaayaro mein
sarapharosho ne apane hausalon ke teer !!
khulee hava, khula gagan choom,
sheron ne todee gulaamiyon
kee janjeer, vyarth na jae
shaheedon keeaahuti,sooraj sa
rahe tej, pran len, kabhee mand na
pade tirange kee taaseer ..
khaumph khae !!jo maan par kare
koee aankh uthaane kee
himaakhat!! lut jaenge,
mit jaenge, rakh denge
gaddaaron ko cheer !!
aao!! phir jud jae
bandh mutthee sa,taraashe
nav bhaarat kee naee tasveer,
likhe milakar naee takadeer !!
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