Zindagi Ka Sabak | ज़िन्दगी का सबक
Zindagi Ka Sabak | ज़िन्दगी का सबक सीखा है ज़िन्दगी का सबककुछ इस तरह,अपनों ने दिए जख्म और मलहमगैर लगा रहे हैं,ता-उम्र के वादे करकेदो पल साथ बैठने की गुजारिश भी नहीं,किसको कहे अपना यहाँ,जब अपने ही नजरें फेरे जा रहे हैं..!! ढूँढेंगी नजरें जब इस काफिर को,दूर….बहुत दूर…..पाओगे हमें,हम तो तेरे ही दिवाने हैं,लुट…