सिर्फ तू
सिर्फ तू -रंजीता नाथ घई एक भीनी भीनी सी महकआज भी मेरे साँसों में हैतेरे तसव्वुर का असरआज भी सलामत मेरे ज़ेहन में है…तड़प उठता है दिल, तुझेअक्सर तन्हाई में याद करकेखामोश रहते हैं लब,ना बोले बेशक ये ज़रालेकिन आँखों में तेरी हसरतआज भी समाए रहती है| कहते हैं लोग, तड़प मिलने की न होतो…