Every purchase made through our affiliate links earns us a pro-rated commission without any additional cost to you. Here are more details about our affiliate disclosure.
गुलाबी शहर
by Ranjeeta Ashesh
चौक की दीवारें गुलाबी रंग वाली
कहीं सूखी लाल मिर्च का ढेर
तो कहीं लक्ष्मी मिष्ठान की शाही थाली।
जब जंतर मंतर की देखी कार्य प्रणाली
सूरज,ग्रह, समय,नक्षत्र के अद्भुत मेल ने
मेरे ज्ञान की जड़े हिला डाली।
कहीं भागते लोग,कहीं गाड़ियों का शोर
रंग बिरंगे लहंगे बिकते पूरे बाज़ार
चाँदी की चमकती झुनकी कर देती भाव विभोर ।
देख खूबसूरत नाहरगड़ किला
राजा रानी की कहानियाँ सुन
दिल को मेरे बड़ा सुकुन मिला ।
हर काम में रंग और जोश की नई लहर,
मंत्रमुग्ध और चकाचौंध हो गई मेरी आँखें,
जब करीब से देखा ये अनोखा ‘गुलाबी शहर’
रंजीता अशेष
~0~
gulaabee shahar
chauk kee deevaaren gulaabee rang vaalee
kaheen sookhee laal mirch ka dher
to kaheen lakshmee mishthaan kee shaahee thaalee.
jab jantar mantar kee dekhee kaary pranaalee
sooraj,grah, samay,nakshatr ke adbhut mel ne
mere gyaan kee jade hila daalee.
kaheen bhaagate log,kaheen gaadiyon ka shor
rang birange lahange bikate poore baazaar
chaandee kee chamakatee jhunakee kar detee bhaav vibhor .
dekh khoobasoorat naaharagad kila
raaja raanee kee kahaaniyaan sun
dil ko mere bada sukun mila .
har kaam mein rang aur josh kee naee lahar,
mantramugdh aur chakaachaundh ho gaee meree aankhen,
jab kareeb se dekha ye anokha gulaabee shahar
-ranjeeta ashesh
हमारा अतिथि आज एक सेना अधिकारी की पत्नी है, और दो शरारती बच्चों की मां भी है|
उनकी पुस्तक “सुषमांजली … एक काव्य संग्रह” छपि है और वे एक ब्लॉगर भी है| रनजेएत मनती हैं कि “सपने सच आते हैं..हमें सिर्फ दृष्टि की जरूरत है।” वह ब्लॉगिंग का आनंद लेती है और अपने साथी ब्लॉगर के ब्लॉग को पढ़ना पसंद करती है, इससे उन्हें बेहतर लिखने की प्रेरणा मिलती है| रंजिया निश्चित रूप से एक रचनात्मक करियर के लिए उत्सुक है। रंजीजी के साथ मेरी बातचीत सबसे सुखद थी
मुझे विश्वास है कि आप इसे भी आनंद लेंगे