अनुपमा झा का इंटरव्यू

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अनुपमा झा का इंटरव्यू

RNTalks LLP: गुड मॉर्निंग अनुपमा झा जी, आपसे यहाँ बातचीत करना अच्छा लग रहा है, क्या आप हमें अपने बारे में कुछ बताना चाहेंगे? 🙂

अनुपमा झा: सबसे पहले आभार आपका रंजीता जी,मुझे इस सुंदर प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने के लिए।ज्यादा कुछ नही है अपने बारे में बताने को ।एक सैन्य अधिकारी की पत्नी,एक शिक्षिका, ब्लॉग राइटर,हूँ।लिखने पढ़ने में शुरू से अभिरुचि रही है।अभी पूरा समय लेखनी और अपने घर को समर्पित कर रही हूँ।

RNTalks LLP: आप हमें अपने ब्लॉग के बारे में बताएं- आपको इसे शुरू करने / लिखने के लिए प्रेरणा कहाँ से मिली है? 🙂

अनुपमा झा: जैसा कि मैंने पहले बताया सैन्य अधिकारी की पत्नी हूँ,ज़िन्दगी भागदौड़ में निकल रही थी।और मेरी लेखनी बहुत पीछे रह गयी थी। फिर हमारी पोस्टिंग असम के एक बहुत ही छोटे से जगह में हुई।यहाँ, भाग दौड़ की ज़िंदगी से दूर, प्रकृति के बीच इतनी शांति और सूकून मिला कि एक दिन अनायास ही मैंने कुछ लिखा और फिर कुछ न कुछ लिखती रही।फिर लगा इसे दूसरों के साथ भी बाँटा जाए,बस यही सोचकर ब्लॉग पर लिखना शुरू किया।

RNTalks LLP: आप एक उत्कृष्ट शब्दलेखक हैं और हिंदी भाषा में बड़ी सहजता से लिखती हैं, आपको पहली बार एक बात का एहसास कब हुआ कि आप एक लेखक बनना चाहते हैं?

अनुपमा झा: हिंदी के लिए प्यार शुरू से रहा,खासकर कविताओं के लिए।किताब अंग्रेजी और हिंदी दोनों पढ़ती हूँ पर जुड़ाव हिंदी कविता से महसूस करती हूँ । लिखना अच्छा लगता है,बस सब तरह के भावों को शब्दों में उकेरने की कोशिश करती हूँ।सीख ही रही हूँ लिखना। लेखक हूँ या नहीं ये पढ़ने वाले तय करेंगे।☺मैं तो बस अपनी खुशी के लिए लिखती हूँ।

RNTalks LLP:  प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी कार्यप्रणाली होती है, आप अपनी निजी शैली का कैसे वर्णन करेंगे?

अनुपमा झा: रंजीता जी, अगर शैली से आपका तात्पर्य किसी एक विधा या शैली से है तो मैं यही कहना चाहूँगी कि मैं किसी नियम में बंधकर नही लिखती।उन्मुक्त शैली है मेरी।मुझे हमेशा यह लगता है ज्यादा नियम पालन पर जब हम सोचते हैं तो हमारी जो उस वक़्त की सृजनात्मकता होती है वो कहीं छूट जाती है।बहुत लोग सहमत नही होंगे इस बात से पर लिखते समय मेरा दिल और दिमाग जो कहता है बस उसे ही शब्दों में व्यक्त करती हूँ।

RNTalks LLP:  आपको एक कविता / लेख लिखने में तकरीबन कितना समय लगता है?

अनुपमा झा: कभी कभी कोई एक चीज़ दिमाग मे महीनों चलती है और उसको शब्दो मे नही उतार पाती, और कभी कभी फटाफट हो जाता है।कभी इस बात पर ध्यान ही नही दिया ☺

RNTalks LLP:  आपने अपनी पहली कविता / लेख कब लिखा और तब आपकी आयु क्या थी?

अनुपमा झा: मैंने अपनी पहली कविता क्लास 7 या 8 में लिखी थी।उसके बाद छोटी मोटी इधर उधर लिखकर रखती।पर मेरी पहली प्रकाशित कविता जो मैंने लिखी उस वक़्त उम्र 16 साल की थी।

RNTalks LLP:  अब तक आपके कितने कविता / लेख लिखे गए हैं? क्या आप अपने पसंदीदा लेख/लेखों की कुछ पंक्तियाँ (जो आपके दिल के करीब हो) हमारे पाठकों के साथ साझा कर सकते हैं?

अनुपमा झा: कविताएँ बहुत लिखी हैं।और उनमें से किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल ।मैं बस यही कहना चाहूँगी कि जबसे आप जैसे लेखकों से जुड़ी हूँ ,बहुत खुश रहने लगी हूँ।

खुश रहने लगी हूँ,
चहकने लगी हूँ,
शब्दों के पंख क्या लगे
मैं तो उड़ने लगी हूँ।
कल्पना की उड़ान है,
असीम जहान है
बनाना अपनी पहचान है,
कुछ बुनने लगी हूँ
कुछ लिखने लगी हूँ
आजकल ,खुश रहने लगी हूँ।

लग रहा जैसे
नयी सी हो गयी हूँ,
लहरों,छन्दों के नए भाव
रोज़ पहनने लगी हूँ,
हर लफ़्ज़ों में ,हर पन्नो में
नयी आशाएँ देखने लगी हूँ
आजकल,खुश रहने लगी हूँ।

कविताओं के दिए जलाने लगी हूँ
कल्पनाओं की बाती से
रूह रोशन करने लगी हूँ।
चाहती हूँ फैले रौशनी
हो चहुँ ऒर उजियारा
अपनी लेखनी से
लौ प्रज्ज्वलित करने लगी हूँ
आजकल बहुत खुश रहने लगी हूँ।

भावों के रंगों से ओतप्रोत रहने लगी हूँ
शब्दों से होली खेलने लगी हूँ
देख बढ़ते ,घटते  चाँद को
सेवइयों की कल्पना करने लगी हूँ,
रोज़ ही ईद ,होली मनाने लगी हूँ,
आजकल बहुत खुश रहने लगी हूँ।

कभी तितली कभी भंवरा
कभी फूल बन जाती हूँ
कभी बादल, कभी बारिश बन
शब्दों को सींच जाती हूँ
सौंधी सौंधी मिटटी की
खुश्बू सी कविता
को हरपल महसूस करने लगी हूँ
आजकल बहुत खुश रहने लगी हूँ
बहुत खुश रहने लगी हूँ….

khush rahane lagee hoon,
chahakane lagee hoon,
shabdon ke pankh kya lage
main to udane lagee hoon.
kalpana kee udaan hai,
aseem jahaan hai
banaana apanee pahachaan hai,
kuchh bunane lagee hoon
kuchh likhane lagee hoon
aajakal, khush rahane lagee hoon.

lag raha jaise
nayee see ho gayee hoon,
laharon,chhandon ke nae bhaav
roz pahanane lagee hoon,
har lafzon mein ,har panno mein
nayee aashaen dekhane lagee hoon
aajakal, khush rahane lagee hoon.

kavitaon ke die jalaane lagee hoon
kalpanaon kee baatee se
rooh roshan karane lagee hoon.
chaahatee hoon phaile raushanee
ho chahun or ujiyaara
apanee lekhanee se
lau prajjvalit karane lagee hoon
aajakal bahut khush rahane lagee hoon.

bhaavon ke rangon se otaprot rahane lagee hoon
shabdon se holee khelane lagee hoon
dekh badhate ,ghatate  chaand ko
seviyon kee kalpana karane lagee hoon,
roz hee eed, holee manaane lagee hoon,
aajakal bahut khush rahane lagee hoon.

kabhee titalee kabhee bhanvara
kabhee phool ban jaatee hoon
kabhee baadal, kabhee baarish ban
shabdon ko seench jaatee hoon
saundhee saundhee mitatee kee
khushboo see kavita
ko harapal mahasoos karane lagee hoon
aajakal bahut khush rahane lagee hoon
bahut khush rahane lagee hoon….

RNTalks LLP:  जब आप लिख नहीं रहे होते हैं तो आप क्या करना पसंद करते हैं?

अनुपमा झा: जब मैं लिख नही रही होती हूँ तो पढ़ना पसंद करती हूँ।या फि खाना बनाना, बेकिंग जो मुझे बहुत पसंद है उसमें अपना समय देती हूँ।

RNTalks LLP:  क्या आपकी कोई पुस्तक प्रकाशित हुई है? उसका क्या नाम है?  उसके बारे में हमें कुछ बताएं… (यदि आप एक प्रकाशित लेखक हैं)

अनुपमा झा: जी अभी तक मेरी रचनायें 3 काव्य संग्रहों में प्रकाशित हो चुकी है।मेरी अपनी काव्य पुस्तक “अनुनाद” प्रकाशनाधीन है जो मार्च महीने के अंत तक प्रकाशित हो जाएगी। इसमें मेरी लिखी कविताओं का संग्रह है। यह किताब मेरे पिताजी को मेरी श्रधांजलि है।

RNTalks LLP:  जीवन में आपका आदर्श वाक्य क्या है?

अनुपमा झा: ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है,ज्यादा सोचो मत,जो होता है या जो होगा सब ऊपरवाले की मर्ज़ी। बस खुश होकर जियो।

RNTalks LLP:  आपके ब्लॉग पर बहुत सी अनुयायी हैं, आपने यह कैसे किया?

अनुपमा झा: मैंने कुछ नहीं किया।मैं तो बस लिखती हूँ,शुक्रगुज़ार हूँ पढ़ने वालों का जो पढ़कर जुड़ जाते हैं।

RNTalks LLP:  आपके साथ कुछ समय बिता कर हमें अच्छा लगा I हमें उम्मीद है कि आपके पाठकों को इसे पढ़ने में उतना ही आनंद मिलेगा जितना हमें इसे आयोजित करने में आया है। आशा है कि आप भविष्य में हमारे अतिथि पोस्ट को सुशोभित करेंगे। आपका हमारे साथ वक्त बिताने का धन्यवाद और आभार…

अस्वीकरण
अतिथि पोस्ट पर आलेख / कविता / साक्षात्कार पर कॉपीराइट लेखक के हैं।
अतिथि पोस्ट पर आलेख / कविता / साक्षात्कार में व्यक्त की गई राय के लिए उत्तर लेखक के विशेष रूप से है।
इस ब्लॉग के स्वामी इस ब्लॉग पर अतिथि पोस्ट में लिंक किए गए या संदर्भित सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।

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